नई दिल्ली । वक्फ बोर्ड (संशोधन) विधेयक 2025 संसद में पास हो गया लेकिन कांग्रेस ने इसका विरोध तेज कर दिया है। पार्टी का कहना है कि यह विधेयक अल्पसंख्यकों के अधिकारों के खिलाफ है और इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी जाएगी। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने सोशल मीडिया पर कहा कि उनकी पार्टी जल्द ही इस विधेयक की संवैधानिक वैधता पर सुप्रीम कोर्ट जाएगी। उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी सरकार संविधान के सिद्धांतों को कमजोर कर रही है। राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने इसे अल्पसंख्यकों के खिलाफ बताते हुए सरकार पर हमला बोला और गृह मंत्री अमित शाह से इसे वापस लेने की अपील की। तो वही दूसरी ओर अन्य कांग्रेस सदस्यों ने और जेपीसी सदस्य में भी कही कोर्ट जाने की बात। इसके साथ ही उन्होने कहा कि यह बहुत ही दुखद है कि संविधान को रौदा जा रहा है । विपक्षी दलो का कहना है कि यह एक दयनीय स्थिति की संसदो की संख्या पर चीजें बदली जा रही। उन्होनें आगे कहा हम अपनी जगं जारी रखेगें और सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएगें।
कांग्रेस का कहना है कि सरकार एक तरफ पसमांदा मुसलमानों और अल्पसंख्यक महिलाओं के हितैषी होने का दावा करती है लेकिन दूसरी ओर उनके कल्याणकारी विभागों का बजट लगातार घटा रही है। खरगे ने इसे लोकतंत्र के मूलभूत सिद्धांतों के खिलाफ बताते हुए कहा कि “जिसकी लाठी, उसकी भैंस” की राजनीति देश के लिए घातक होगी।
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सरकार का पक्ष—वही राज्यसभा और लोकसभा में सरकार ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि यह विधेयक पारदर्शिता लाने और वक्फ संपत्तियों के बेहतर प्रबंधन के लिए लाया गया है। अब देखना होगा कि सुप्रीम कोर्ट में जाने के बाद कोर्ट का क्या रूख रहेगा ? क्या फैसला रहेगा ? क्या अन्य विपक्षी पर्टियों को सुप्रीम कोर्ट से कुछ राहत मिलेगी ? यह तो वक्त ही बताएगा।