दिल्ली : महाराष्ट्र विधानसभा में गुरुवार को मराठी भाषा को लेकर आरएसएस नेता भैयाजी जोशी के बयान पर जबरदस्त हंगामा मच गया। जोशी ने बुधवार को एक कार्यक्रम में कहा था कि मुंबई की कोई एक भाषा नहीं है, और यहां गुजराती से भी काम चल सकता है। उनका यह बयान शिवसेना और एनसीपी नेताओं को खासा नागवार गुज़रा। शिवसेना के विधायक आदित्य ठाकरे ने कहा कि मुंबई और महाराष्ट्र की पहली भाषा मराठी है और इसे राज्य का गौरव माना जाता है।
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ठाकरे ने जोर देते हुए कहा कि भैयाजी जोशी का बयान अस्वीकार्य है। एनसीपी के विधायक जितेंद्र आव्हाड ने भी इस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि जोशी भाषा के मुद्दे पर मुंबई को तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं। दूसरी ओर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस विवाद पर कहा कि मुंबई महाराष्ट्र और राज्य सरकार की भाषा मराठी है। यहां रहने वालों को इसे सीखना चाहिए। फडणवीस ने इसे राज्य की संस्कृति और पहचान का हिस्सा बताया और कहा कि यह हर नागरिक का कर्तव्य है।आरएसएस नेता के बयान पर विधानसभा में उभरी बहस को देखते हुए स्पीकर ने सदन को पांच मिनट के लिए स्थगित कर दिया। यह पूरा विवाद मराठी भाषा की पहचान और उसे लेकर चल रही राजनीति का अहम मुद्दा बन गया है।