दिल्ली। रूस और अमेरिका के राष्ट्रपति बीच हुई फोन महत्वपूर्ण बातचीत में यूक्रेन युद्ध पर बड़ा फैसला लिया गया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच ढाई घंटे चली वार्ता के बाद रूस ने 30 दिनों के लिए यूक्रेन के ऊर्जा ढांचे पर हमले रोकने पर सहमति जताई है।
क्रेमलिन के अनुसार पुतिन ने युद्धविराम के कुछ कड़े शर्तों पर चर्चा की जिसमें यूक्रेन को सैन्य सहायता रोके जाने की मांग प्रमुख रही। इसके अलावा रूस ने चेतावनी दी कि यूक्रेन इस अवसर का इस्तेमाल सेना को पुनर्गठित करने और नए हथियार जुटाने के लिए न करे। व्हाइट हाउस ने पुष्टि की कि दोनों नेताओं ने संघर्ष को खत्म करने के लिए आगे की कूटनीतिक वार्ता जारी रखने पर सहमति जताई है। साथ ही दोनों देशों ने कैदियों की अदला-बदली के पहले चरण में 175-175 कैदियों की रिहाई पर सहमति जताई है। ट्रंप ने बातचीत को “उत्पादक और सकारात्मक” बताया जबकि पुतिन ने इसे “युद्ध समाधान की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम” करार दिया। इस बातचीत का असर मध्य पूर्व संकट पर भी दिख सकता है क्योंकि दोनों नेताओं ने इस क्षेत्र में शांति स्थापित करने को लेकर भी चर्चा की।
इस बीच यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की सैन्य सहायता के लिए फिनलैंड पहुंचे हैं । जहां वे यूरोपीय नेताओं से बातचीत कर रहे हैं। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि क्या यह संघर्ष विराम लंबे समय तक टिक पाएगा या यूक्रेन की अगली रणनीति इसे प्रभावित करेगी?