यूपी के टोल प्लाजा पर 750 करोड़ रुपये का बड़ा घोटाला सामने आया है। मिर्जापुर के अतरैला टोल प्लाजा से पकड़े गए आरोपियों ने पाइरेटेड सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल कर रोजाना 40-50 हजार रुपये की अवैध वसूली की। एसटीएफ की जांच में पता चला है कि यह घोटाला पिछले दो साल से चल रहा था और प्रदेश के सभी 100 टोल प्लाजा पर ऐसा सॉफ़्टवेयर इस्तेमाल किया जा सकता है।
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बुधवार तड़के सुबह 3:50 बजे यूपी एसटीएफ की बड़ी कारवाई मिर्जापुर के अतरौला टोल प्लाजा पर हुई।घोटाला इस तरह हुआ कि बिना फास्टैग वाले वाहनों से टोल वसूला गया, लेकिन पैसा NHAI के खाते में नहीं गया। इसके बजाय आरोपियों ने इस राशि को अपने व्यक्तिगत खातों में ट्रांसफर किया। इस धांधली में टोल कर्मियों और NHAI के अधिकारियों की भी संलिप्तता हो सकती है। जिसके चलते NHAI से लेकर प्रदेश मे मचा हड़ककंप।एसटीएफ ने अब तक 3 आरोपियों को गिरफ्तार किया है और NHAI से रिपोर्ट मांगी गई है। माना जा रहा है कि इस घोटाले में 5 सालों में लगभग 750 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।